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नागरिकता प्रमाण के दस्तावेज़ में बदलाव, अब मान्य होंगे केवल ये दो दस्तावेज़ Citizenship Proof Document

By Satish Kumar

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Citizenship Proof Document

Citizenship Proof Document – आजकल सरकारी कामों में आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल आम बात हो गई है। इन दस्तावेज़ों से हम अपनी पहचान और पते का प्रमाण देते हैं। लेकिन हाल ही में, केंद्र सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है, जिसके बाद आधार और पैन कार्ड को नागरिकता साबित करने के दस्तावेज़ के तौर पर नहीं माना जाएगा। अब अगर आप भारतीय नागरिकता का प्रमाण देना चाहते हैं, तो आपको केवल दो दस्तावेज़ों का सहारा लेना होगा: “जन्म प्रमाण पत्र” और “देश में निवास का प्रमाण”। इस बदलाव से खासकर उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं या किसी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए नागरिकता प्रमाण की जरूरत महसूस करते हैं।

सरकार का नया फैसला – क्या है बदलाव?

केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि नागरिकता साबित करने के लिए अब आधार कार्ड और पैन कार्ड को मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, नागरिकता के प्रमाण के तौर पर अब केवल दो दस्तावेज़ मान्य होंगे: जन्म प्रमाण पत्र और देश में निवास का प्रमाण। यह फैसला उन लोगों के लिए है जो पासपोर्ट, वोटर आईडी या अन्य सरकारी योजनाओं के लिए नागरिकता प्रमाण देना चाहते हैं। इसका असर लाखों लोगों पर पड़ेगा, जो अब तक इन दस्तावेजों के जरिए नागरिकता साबित करते आ रहे थे।

क्यों नहीं मान्य होंगे आधार और पैन?

आधार कार्ड और पैन कार्ड नागरिकता के प्रमाण के तौर पर स्वीकार नहीं किए गए हैं, क्योंकि इन दोनों दस्तावेज़ों में यह नहीं बताया जाता कि व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं। आधार कार्ड तो एक पहचान और पते का प्रमाण होता है, जबकि पैन कार्ड टैक्स से जुड़ा दस्तावेज़ है, जो भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए होता है। इन दोनों दस्तावेज़ों में से किसी भी दस्तावेज़ में नागरिकता का कोई जिक्र नहीं होता।

मान्य दस्तावेज़ कौन-कौन से हैं?

अब से नागरिकता साबित करने के लिए केवल दो दस्तावेज़ मान्य होंगे:

  • जन्म प्रमाण पत्र – यह दस्तावेज़ नगरपालिका या अस्पताल द्वारा जारी किया जाता है और इसमें व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान की पूरी जानकारी दी जाती है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर यह साबित हो सकता है कि व्यक्ति भारत में जन्मा है।
  • देश में निवास का प्रमाण – यह दस्तावेज़ राशन कार्ड, वोटर आईडी, या राज्य सरकार द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र हो सकता है। इसका उद्देश्य यह साबित करना है कि व्यक्ति लंबे समय से भारत में रह रहा है और उसकी नागरिकता भारतीय है।

इस फैसले से किसे होगी परेशानी?

इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र या निवास प्रमाण पत्र नहीं हैं। खासकर प्रवासी भारतीयों (NRI) को परेशानी हो सकती है जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। इसके अलावा, कुछ ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुज़ुर्ग नागरिकों को भी समस्या हो सकती है, जिनके पास निवास प्रमाण पत्र नहीं है या जो दस्तावेज़ गुम हो गए हैं। ऐसे लोगों को अब नए दस्तावेज़ बनवाने की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

क्या है समाधान?

अगर आपके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, तो आप इसे नगरपालिका से बनवा सकते हैं। इसके अलावा, निवास प्रमाण पत्र के लिए आप स्थानीय तहसील या नगर परिषद से इसे प्राप्त कर सकते हैं। पुराने दस्तावेज़ों को डिजिटल फॉर्म में बनवाने की प्रक्रिया भी अब आसान हो गई है, जिससे आप उन्हें जल्द से जल्द अपडेट कर सकते हैं।

वास्तविक जीवन का उदाहरण

राजस्थान के भरतपुर जिले के सुरेश जी को पासपोर्ट बनवाने में परेशानी आई थी। उनके पास आधार और पैन कार्ड दोनों थे, लेकिन पासपोर्ट ऑफिस ने उनसे नागरिकता प्रमाण के तौर पर जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण लाने को कहा। सुरेश जी ने नगरपालिका से जन्म प्रमाण पत्र बनवाया और तहसील से निवास प्रमाण पत्र लेकर उनका पासपोर्ट सफलतापूर्वक बन गया। यह उदाहरण यह बताता है कि सरकार के नए फैसले से जुड़े दस्तावेज़ों को हासिल करना उतना मुश्किल नहीं है, जितना कि पहले महसूस हो सकता है।

इस बदलाव से पहले और अब में अंतर

पहले नागरिकता प्रमाण के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज़ भी मान्य थे, लेकिन अब ये दस्तावेज़ मान्य नहीं होंगे। अब केवल जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ही नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाएंगे। यह बदलाव सरकारी योजनाओं और पासपोर्ट, वोटर आईडी जैसी चीजों के लिए महत्वपूर्ण है।

सावधानी और तैयारी

अगर आपने अभी तक अपने दस्तावेज़ अपडेट नहीं किए हैं, तो अब आपको उन्हें अपडेट करने का समय मिल गया है। डिजिटल लॉकर या सरकारी पोर्टल पर अपने दस्तावेज़ अपलोड करके आप उन्हें सुरक्षित रख सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से पहले ये दोनों दस्तावेज़ ज़रूर तैयार रखें, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

सरकार का यह कदम नागरिकता की पुष्टि को और अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक बनाने की दिशा में है। हालांकि शुरुआत में कुछ लोगों को कठिनाई हो सकती है, लेकिन यह कदम भारत की जनसंख्या और नागरिकता डाटा को साफ और सटीक बनाएगा। अगर आपने अभी तक अपने दस्तावेज़ तैयार नहीं किए हैं, तो आज ही प्रक्रिया शुरू कर दें।

Disclaimer

यह जानकारी सरकारी नियमों और बदलावों पर आधारित है। हालांकि यह लेख पूरी तरह से सही और अद्यतन है, फिर भी आपको अपने दस्तावेज़ों से संबंधित कोई भी प्रक्रिया शुरू करने से पहले संबंधित सरकारी विभाग या अधिकृत व्यक्तियों से सलाह लेनी चाहिए।

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