Home Loan EMI Bounce – होम लोन लेते वक्त हर कोई सोचता है कि वह समय पर उसकी किस्तें चुकाता रहेगा, लेकिन जिंदगी में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। कई बार नौकरी चली जाती है, बिज़नेस डाउन हो जाता है या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाती है, जिससे ईएमआई चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कितनी ईएमआई बाउंस होने पर बैंक वाकई में सख्ती दिखाता है और लोनधारक के खिलाफ कार्रवाई करता है।
शुरुआत में बैंक देता है मौका, पर नजर रखता है
अगर आप पहली बार ईएमआई नहीं भर पाते हैं तो बैंक इसे उतना गंभीरता से नहीं लेता, लेकिन आपकी प्रोफाइल को निगरानी में जरूर रख लेता है। दूसरी बार जब ईएमआई मिस होती है तो बैंक तुरंत रिमाइंडर नोटिस भेजता है। इसमें आपको किस्त जल्द से जल्द भरने को कहा जाता है। इस स्टेज पर बैंक अब आपको डिफॉल्टर की कैटेगरी में डालने की तैयारी शुरू कर देता है।
तीसरी और चौथी ईएमआई मिस हुई तो बढ़ जाती है परेशानी
अगर आप तीसरी बार भी ईएमआई नहीं भर पाते हैं, तो मामला गंभीर हो जाता है। इस स्थिति में बैंक लीगल नोटिस भेजता है और आपको अंतिम चेतावनी देता है। अगर उसके बाद भी आप किस्त नहीं भरते हैं और चौथी व पांचवीं किस्त भी मिस कर देते हैं, तो बैंक घर की नीलामी की कार्रवाई शुरू कर देता है। यानी अब आपकी प्रॉपर्टी को बेचकर लोन की रिकवरी की तैयारी होती है। आपको एक नोटिस भेजा जाता है जिसमें साफ लिखा होता है कि बकाया राशि नहीं चुकाई गई तो प्रॉपर्टी नीलाम कर दी जाएगी।
पांचवीं बार में बैंक ले सकता है अंतिम फैसला
अगर लगातार पांच किस्तें नहीं भरी जाती हैं, तो बैंक अब तक चार बार नोटिस भेज चुका होता है और लोन की रिकवरी की हर कोशिश कर चुका होता है। पांचवीं बार में बैंक आमतौर पर घर की नीलामी कर देता है। इस नीलामी से जो भी रकम आती है, उससे बैंक बकाया लोन राशि वसूल करता है और अगर कुछ पैसा बचता है तो उसे लोनधारक को लौटा दिया जाता है।
क्या करें प्रॉपर्टी बचाने के लिए?
अगर आपको लगता है कि आप ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं और प्रॉपर्टी हाथ से जा सकती है, तो घबराएं नहीं। ऐसे समय में कुछ कदम उठाकर आप अपनी संपत्ति को बचा सकते हैं। सबसे पहले बैंक मैनेजर से मिलकर अपनी सच्चाई साफ-साफ बताएं। उन्हें अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में समझाएं और भरोसा दिलाएं कि जैसे ही स्थिति सुधरेगी, आप ईएमआई भरना शुरू कर देंगे।
होम लोन का रीस्ट्रक्चर कराएं
अगर लग रहा है कि मौजूदा ईएमआई भरना आपके लिए मुश्किल है, तो आप बैंक से लोन की रीस्ट्रक्चरिंग की मांग कर सकते हैं। इसमें बैंक लोन की अवधि बढ़ा देता है जिससे आपकी मासिक किस्त कम हो जाती है। हालांकि, ध्यान रहे कि ऐसा करने से कुल ब्याज बढ़ जाता है। अगर आपका लोन फ्लोटिंग रेट पर है तो ब्याज दरें बढ़ने पर ईएमआई भी बढ़ सकती है। इसीलिए बेहतर है कि आप फिक्स्ड रेट ऑप्शन भी एक्सप्लोर करें।
प्रॉपर्टी को किराए पर देकर ईएमआई चुकाएं
अगर आपके पास रहने का दूसरा विकल्प है, तो उस प्रॉपर्टी को किराए पर दे सकते हैं। इससे मिलने वाली इनकम से आप ईएमआई चुका सकते हैं। ये तरीका बहुत कारगर हो सकता है, खासकर तब जब आपके पास कमाई का कोई और स्थिर जरिया नहीं हो।
घर बेचकर खुद करें लोन की भरपाई
अगर आपको लग रहा है कि आप ईएमआई लंबे समय तक नहीं भर पाएंगे, तो बैंक के नीलामी करने से पहले खुद ही प्रॉपर्टी बेच दें। ऐसा करने से आपको घर की बेहतर कीमत मिल सकती है और लोन चुकाने के बाद भी कुछ रकम आपके पास बच सकती है। इस पैसे से आप नया काम शुरू कर सकते हैं या फिर दूसरी जरूरतें पूरी कर सकते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सलाह को किसी पेशेवर वित्तीय परामर्श का विकल्प न समझें। होम लोन या ईएमआई से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले बैंक या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।