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100 और 200 के नोट को लेकर RBI ने जारी की नई गाइडलाइन 100 and 200 Rupee Notes

By Satish Kumar

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100 and 200 Rupee Notes

100 and 200 Rupee Notes – आजकल भले ही डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन नकदी की जरूरत पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। खासकर जब बात छुट्टे पैसों की आती है, तो आम लोगों को अब भी कई बार परेशानी उठानी पड़ती है। अक्सर एटीएम से सिर्फ 500 या 2000 के बड़े नोट निकलते हैं, जिससे छोटे खर्चे करना मुश्किल हो जाता है। इसी दिक्कत को समझते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहम कदम उठाया है। अब देशभर के एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

क्या है RBI का नया निर्देश?

RBI ने देश के सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने एटीएम में छोटे नोट, खासतौर पर 100 और 200 रुपये के नोटों की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करें। इसके लिए एक समयसीमा भी तय की गई है। 30 सितंबर 2025 तक देश के कम से कम 75 प्रतिशत एटीएम ऐसे होने चाहिए जिनमें कम से कम एक कैश कैसेट से 100 या 200 रुपये के नोट निकलें। फिर 31 मार्च 2026 तक यह व्यवस्था 90 प्रतिशत एटीएम में लागू करनी होगी। यह काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि बैंकों को इसे लागू करने में कोई दिक्कत न हो और उन्हें पर्याप्त समय मिल सके।

आम लोगों को क्या होगा फायदा?

इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो रोजमर्रा के खर्चों के लिए नकद पैसे का इस्तेमाल करते हैं। जब एटीएम से छोटे नोट मिलेंगे, तो सब्जी खरीदने, दूध लेने या किसी छोटे दुकानदार से सामान खरीदने में छुट्टे पैसों की टेंशन नहीं रहेगी। खासतौर पर छोटे शहरों और गांवों में, जहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा अभी भी सीमित है, वहां के लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

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एटीएम में होंगे कोई बड़े बदलाव?

अक्सर जब कोई नया नियम आता है तो लगता है कि कोई बड़ी तकनीकी बदलाव की जरूरत होगी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं है। RBI का कहना है कि अधिकतर एटीएम पहले से ही इस व्यवस्था के लिए सक्षम हैं। बैंकों को सिर्फ यह सुनिश्चित करना होगा कि वे नियमित रूप से 100 और 200 रुपये के नोट इन मशीनों में भरते रहें। इससे बैंकों पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा और इस फैसले को आसानी से लागू किया जा सकता है।

ग्रामीण इलाकों में मिलेगा ज्यादा लाभ

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अधिकतर लेन-देन नकदी के माध्यम से होता है। यहां लोग सब्जी, किराना, दवा जैसी जरूरतों के लिए कैश का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब एटीएम से सिर्फ 500 या 2000 रुपये के नोट निकलते हैं, तो उन्हें छुट्टे कराने में परेशानी होती है। ऐसे में RBI का यह फैसला इन इलाकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। अब गांव के लोग आसानी से अपने नजदीकी एटीएम से छोटे नोट निकाल सकेंगे और अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे।

छोटे व्यापारियों को मिलेगी राहत

ठेलेवाले, सब्जी बेचने वाले, ऑटो-रिक्शा चालक, और छोटे दुकानदार जो रोजाना नकद लेनदेन पर निर्भर हैं, उनके लिए छुट्टे पैसे एक बड़ी समस्या होती है। जब ग्राहक के पास केवल बड़े नोट होते हैं, तो ये व्यापारी छुट्टा देने के लिए परेशान हो जाते हैं। लेकिन अब, जब एटीएम से ही 100 और 200 रुपये के नोट मिलेंगे, तो ग्राहक भी छुट्टा लेकर आएंगे और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी। इससे लेनदेन सुचारू रहेगा और बाजार में नकदी का प्रवाह बेहतर होगा।

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डिजिटल पेमेंट और नकदी – दोनों जरूरी

भले ही देश डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा हो, लेकिन RBI मानता है कि नकदी का भी एक अहम रोल है। खासकर उन लोगों के लिए जो डिजिटल पेमेंट से अब भी दूर हैं, उनके लिए कैश ही प्राथमिक जरिया है। इसलिए छोटे नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि हर वर्ग को सुविधा मिल सके। RBI का यह कदम नकद और डिजिटल दोनों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक समझदारी भरा फैसला है।

RBI का यह निर्णय न सिर्फ आम जनता को राहत देगा, बल्कि पूरे बैंकिंग सिस्टम और बाजार को अधिक सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाएगा। उम्मीद है कि तय समय सीमा के भीतर सभी बैंक इस दिशा में काम शुरू कर देंगे और जल्द ही हमें छुट्टे पैसों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। यह बदलाव भले ही छोटा लगे, लेकिन इसका असर काफी गहरा और दूरगामी होगा।

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार के वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किसी भी कार्रवाई से पहले व्यक्तिगत जांच जरूरी है।

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