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RBI ने जारी की नई गाइडलाइन! चेक बाउंस पर अब नहीं होगी जेल की सजा Cheque Bounce New Rules

By Satish Kumar

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Cheque Bounce New Rules

Cheque Bounce New Rules – अगर आपने कभी चेक बाउंस होने की टेंशन झेली है, तो ये खबर आपके लिए राहत लेकर आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे चेक बाउंस के मामलों में अब सजा की प्रक्रिया थोड़ी नरम हो गई है। पहले क्या होता था कि अगर किसी का चेक बाउंस हो जाता था, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती थी, और सीधा जेल भी जाना पड़ सकता था। लेकिन अब RBI के नए दिशानिर्देशों के बाद ये स्थिति थोड़ी बदल गई है। अब चेक बाउंस पर सीधे जेल नहीं होगी, बल्कि एक तय प्रक्रिया के तहत मामला निपटाया जाएगा।

पहले क्या था नियम?

पहले के नियम बहुत सख्त थे। अगर किसी का चेक बाउंस हो जाता था, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) और Negotiable Instruments Act, 1881 के तहत उस व्यक्ति के खिलाफ केस बन सकता था। बैंक चेक बाउंस होने के बाद चेक जारी करने वाले को नोटिस भेजता था और अगर उसने समय पर रकम अदा नहीं की, तो मामला कोर्ट में जाता था। इसके बाद आरोपी को जेल की सजा भी हो सकती थी। इस पूरी प्रक्रिया में समय, पैसा और मानसिक तनाव बहुत होता था। छोटे व्यापारी और आम लोग अक्सर इस झंझट में फंस जाते थे, जिससे उनका व्यवसाय और निजी जीवन दोनों प्रभावित होते थे।

क्या बदला है नए नियमों में?

अब RBI ने चेक बाउंस से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के मुताबिक, अब चेक बाउंस होने के बाद आरोपी को सीधा जेल नहीं भेजा जाएगा। सबसे पहले चेक जारी करने वाले व्यक्ति को एक नोटिस भेजा जाएगा। उस नोटिस में उसे तय समय सीमा में भुगतान करने का मौका दिया जाएगा। अगर वो व्यक्ति तय समय पर पैसे चुका देता है, तो मामला वहीं खत्म हो जाएगा। लेकिन अगर वह तय समय में पैसे नहीं देता, तभी आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब किसी को गलती से या किसी छोटी वजह से सीधे जेल नहीं जाना पड़ेगा। जेल की सजा तब तक लागू नहीं होगी, जब तक चेक जारी करने वाले के पास पैसे देने का कोई जरिया न हो या वह जानबूझकर भुगतान से बच रहा हो। ये नियम कानूनी प्रक्रिया को थोड़ा इंसानी बना देता है और लोगों को एक मौका देता है अपनी गलती सुधारने का।

इसका क्या फायदा होगा?

अब सोचिए, अगर आप एक व्यापारी हैं और किसी कारणवश आपका चेक बाउंस हो गया, तो अब आपको तुरंत जेल जाने का डर नहीं सताएगा। आपको पहले नोटिस मिलेगा, फिर समय मिलेगा कि आप अपनी गलती को सुधार सकें। इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी और आम आदमी को भी ये भरोसा मिलेगा कि छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा नहीं मिलेगी।

नई प्रक्रिया से कोर्ट पर भी बोझ कम होगा क्योंकि अब हर मामला सीधे कोर्ट नहीं जाएगा। जो केस बातचीत और भुगतान से ही सुलझ सकते हैं, वे कोर्ट तक पहुंचे बिना निपट जाएंगे। इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। इसके अलावा व्यापार जगत में एक सकारात्मक माहौल बनेगा, जहां कारोबारी थोड़ा ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे।

एक आम उदाहरण समझिए

मान लीजिए एक दुकानदार ने किसी सप्लायर को पेमेंट करने के लिए चेक दिया, लेकिन खाते में उस वक्त पर्याप्त राशि नहीं थी और चेक बाउंस हो गया। पहले के नियमों में दुकानदार को जेल की नौबत आ सकती थी। लेकिन अब, नए नियम के तहत सप्लायर पहले दुकानदार को नोटिस भेजेगा। दुकानदार को भुगतान करने के लिए कुछ दिन का वक्त मिलेगा। अगर वह वक्त रहते पैसे चुका देता है, तो केस नहीं चलेगा। लेकिन अगर वो तय समय में भुगतान नहीं करता, तो फिर मामला कोर्ट जाएगा और वहां आगे की प्रक्रिया चलेगी।

क्यों जरूरी था ये बदलाव?

पिछले कुछ सालों में चेक बाउंस के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए थे। छोटे व्यापारी और मध्यम वर्गीय लोग इस वजह से काफी परेशान रहते थे। सख्त नियमों की वजह से कई लोग मानसिक और आर्थिक रूप से टूट जाते थे। RBI का ये कदम लोगों की ऐसी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे अब लोगों को ये भरोसा मिलेगा कि अगर गलती हो भी जाए तो उसे सुधारने का मौका मिलेगा। यह बदलाव व्यापारिक माहौल को भी बेहतर बनाएगा और लोगों को बिना डरे वित्तीय लेनदेन करने की आज़ादी देगा।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए विवरण हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स व सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित हैं। किसी भी कानूनी निर्णय या कार्रवाई से पहले संबंधित कानून विशेषज्ञ या अधिकृत संस्था से परामर्श जरूर लें।

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