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EPFO पेंशनर्स के लिए खुशखबरी! अब मिलेगी ₹1000 की जगह ₹7500 पेंशन EPFO Minimum Pension

By Satish Kumar

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EPFO Minimum Pension

EPFO Minimum Pension – पिछले कुछ समय से EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ी एक अहम खबर चर्चा में बनी हुई है। सवाल ये है कि क्या मई 2025 से न्यूनतम पेंशन की रकम बढ़ाकर सात हजार पांच सौ रुपये कर दी जाएगी? अगर ऐसा होता है, तो ये फैसला लाखों पेंशनरों के लिए राहत की बड़ी खबर साबित हो सकता है।

क्या है EPFO की पेंशन योजना

EPFO के तहत चलने वाली पेंशन योजना को ईपीएस यानी एम्प्लॉई पेंशन स्कीम 1995 के नाम से जाना जाता है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो संगठित क्षेत्र में काम करते हैं और जिनका पीएफ कटता है। इस स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को हर महीने पेंशन दी जाती है। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपये तय है, जो लंबे समय से जस की तस बनी हुई है।

क्यों उठ रही है पेंशन बढ़ाने की मांग

आज के समय में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। रोजमर्रा की चीजों जैसे बिजली, पानी, किराया और दवाइयों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि एक हजार या दो हजार रुपये की पेंशन से गुजारा करना बेहद मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि पेंशनर्स और कर्मचारियों की यूनियन सरकार से लगातार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर सात हजार पांच सौ रुपये करने की मांग कर रही हैं।

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मई 2025 से बढ़ेगी पेंशन?

अब तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबरों के मुताबिक श्रम मंत्रालय और EPFO बोर्ड इस प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। चर्चा ये है कि मई 2025 से यह नया नियम लागू किया जा सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि होना बाकी है।

संभावित प्रस्ताव के मुताबिक नई पेंशन राशि सात हजार पांच सौ रुपये हो सकती है। इसके अलावा परिवार पेंशन के नियमों में भी बदलाव हो सकता है और महंगाई भत्ता जोड़ने की संभावना भी जताई जा रही है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो EPS-95 के तहत आने वाले लाखों पेंशनर्स को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

किन्हें मिलेगा इस बदलाव का फायदा

इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने संगठित क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है और जिनका पीएफ और ईपीएस खाता सक्रिय रहा है। विशेष रूप से वे कर्मचारी जो दस साल या उससे अधिक समय तक काम कर चुके हैं और जिनकी सेवानिवृत्ति की उम्र अट्ठावन साल या उससे ज्यादा है, इस योजना के पात्र होंगे।

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एक आम आदमी की कहानी

उत्तर प्रदेश के रामलाल जी का उदाहरण लिया जाए तो तस्वीर साफ हो जाती है। उन्होंने लगभग तीस साल एक निजी फैक्ट्री में काम किया। रिटायरमेंट के बाद उन्हें हर महीने सिर्फ बारह सौ रुपये की पेंशन मिल रही है। इतने कम पैसे में ना दवाइयां खरीदी जा सकती हैं, ना ही सही से गुजारा हो सकता है। अगर पेंशन की रकम सात हजार पांच सौ रुपये हो जाए, तो उनके जैसे लाखों बुजुर्गों को बड़ी राहत मिलेगी।

पेंशन बढ़ने से क्या होंगे फायदे

अगर ये नियम लागू होता है तो इससे पेंशनर्स की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा। जीवन यापन में आसानी होगी, बुजुर्ग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे और उनके परिवार पर भी बोझ कम होगा। सरकार के लिए भी यह फैसला सामाजिक संतुलन और जनकल्याण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।

सरकार की तैयारी और आम लोगों के लिए सुझाव

हालांकि फिलहाल कोई पक्की जानकारी नहीं है, लेकिन इस दिशा में तैयारियां जरूर चल रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि पेंशनधारक अपने ईपीएफओ खाते से जुड़ी जानकारी अपडेट रखें और समय-समय पर पोर्टल पर जाकर पेंशन स्टेटस चेक करते रहें। साथ ही सरकारी घोषणाओं, समाचार चैनलों और यूनियन की वेबसाइटों पर नजर बनाए रखें।

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न्यूनतम पेंशन को बढ़ाना सिर्फ एक सरकारी फैसला नहीं होगा, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का संकेत होगा। यह कदम उन लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकता है, जिन्होंने अपने जीवन के कीमती साल देश की सेवा में लगाए। उम्मीद की जा रही है कि मई 2025 तक कोई सकारात्मक फैसला सामने आएगा, जिससे बुजुर्गों को थोड़ी राहत और सम्मान मिल सकेगा।

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