Fitment Factor Salary Hike – केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी आई है। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,000 के पार होने जा रही है। अब तक जो भी चर्चा हो रही थी, उससे लगता है कि अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में जोरदार बढ़ोतरी हो सकती है। तो आइए, जानते हैं कि इस सैलरी हाइक से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक तरह का गुणांक (Multiplier) होता है जिसका इस्तेमाल नए वेतन आयोग में कर्मचारियों के नए मूल वेतन को तय करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो उनके नए मूल वेतन की गणना इस तरह से की जाएगी – ₹18,000 × 2.86 = ₹51,480। हालांकि, इस सैलरी बढ़ोतरी में महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते भी शामिल होते हैं, जिनकी गणना नए वेतन के आधार पर होगी, तो बढ़ोतरी का असर और ज्यादा महसूस होगा।
पिछले वेतन आयोगों से समझते हैं
अगर हम पिछले वेतन आयोगों की बात करें, तो 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिसके बाद कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.57 हो गया था, लेकिन असल बढ़ोतरी सिर्फ 14.2 प्रतिशत ही रही। इसका कारण यह था कि अधिकांश बढ़ोतरी महंगाई भत्ते को समायोजित करने में खर्च हो गई थी। यानी, कर्मचारियों को नए वेतन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं मिल पाई।
क्या होने वाला है इस बार?
अब जो चर्चा हो रही है, उसमें कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कहना है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.86 रखा जाए, ताकि वेतन और पेंशन में असल बढ़ोतरी हो सके। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतना ज्यादा फिटमेंट फैक्टर संभव नहीं होगा। पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने इस पर अपनी राय देते हुए कहा कि ये बहुत बड़ा इन्क्रीमेंट होगा और शायद यह व्यावहारिक रूप से संभव न हो। उनके अनुसार, फिटमेंट फैक्टर करीब 1.92 के आसपास रह सकता है। अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम बेसिक पे ₹34,560 तक जा सकता है। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि इस बार भी महंगाई भत्ते का बड़ा हिस्सा फिटमेंट फैक्टर के साथ समायोजित किया जाएगा।
सातवें वेतन आयोग में असल बढ़ोतरी कैसे हुई?
7वें वेतन आयोग के दौरान, कर्मचारियों के वेतन में महंगाई भत्ते का 125 प्रतिशत हिस्सा जोड़ा गया था। इसका मतलब यह था कि फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा पहले से मिलने वाली राशि को नए तरीके से दिखाने के लिए था, और असल बढ़ोतरी बहुत कम थी। इस बार भी यह संभव है कि फिटमेंट फैक्टर का एक बड़ा हिस्सा महंगाई समायोजन में ही चला जाए।
वर्तमान स्थिति क्या है?
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए हाल ही में 40 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। इन पदों पर विभिन्न विभागों से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद आयोग का Terms of Reference (ToR) जारी किया जाएगा, और उसके बाद आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्य नियुक्त होंगे। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा।
सरकार पर कितना वित्तीय बोझ आएगा?
7वें वेतन आयोग से सरकार को ₹1.02 लाख करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार झेलना पड़ा था। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर ज्यादा होता है, तो सरकार पर यह वित्तीय बोझ और बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार इस बार ज्यादा ध्यान से कदम उठा रही है ताकि वित्तीय स्थिति पर ज्यादा असर न पड़े और संतुलन बना रहे।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह सैलरी बढ़ोतरी का मामला काफी महत्वपूर्ण है, और इसमें कोई शक नहीं कि अगर यह बढ़ोतरी होती है, तो कर्मचारियों को भारी राहत मिल सकती है। हालांकि, यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को कितने पर निर्धारित करती है, और इसके साथ ही महंगाई भत्ते और अन्य कारक कैसे काम करेंगे।
Disclaimer
यह लेख वर्तमान उपलब्ध जानकारी पर आधारित है और सटीक जानकारी के लिए सरकारी आधिकारिक स्रोतों से अपडेट लेना जरूरी है।