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IRCTC का बड़ा झटका! अब वेटिंग टिकट वालों को स्लीपर और AC कोच में नहीं मिलेगी एंट्री IRCTC Waiting Rules

By Satish Kumar

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IRCTC Waiting Rules

IRCTC Waiting Rules – भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे लाखों यात्रियों पर सीधा असर पड़ेगा। अब अगर किसी यात्री के पास वेटिंग टिकट है, तो वह ट्रेन के स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर पाएगा, चाहे उसमें सीटें खाली ही क्यों न हों। पहले स्थिति कुछ और थी – मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए यात्रियों को चढ़ने दिया जाता था, लेकिन अब रेलवे ने सख्ती से यह तय कर लिया है कि बिना कन्फर्म टिकट किसी को कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं मिलेगी।

किन ट्रेनों पर लागू होगा ये नियम?

रेलवे के इस नए नियम के अनुसार, अब वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट जैसी सभी ट्रेनों में स्लीपर या एसी डिब्बों में यात्रा करने से मना किया गया है। यदि कोई यात्री इस नियम का उल्लंघन करता है और बिना कन्फर्म टिकट कोच में पकड़ा जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और उसे ट्रेन से उतार भी दिया जा सकता है। रेलवे का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

क्यों लिया गया ये फैसला?

पिछले कुछ वर्षों में यह देखने को मिला था कि वेटिंग लिस्ट वाले यात्री अक्सर जबरन कोच में चढ़ जाते थे और कहीं भी बैठ जाते थे। इससे कई समस्याएं होती थीं, जैसे कोच में अत्यधिक भीड़, टीटीई को टिकट चेक करने में परेशानी और कन्फर्म टिकट वालों को अपनी आरक्षित सीट पर बैठने में दिक्कत। अब इस नियम के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ उन्हीं लोगों को कोच में प्रवेश मिले जिनके पास कन्फर्म टिकट है। रेलवे की मंशा है कि ट्रेनों में भीड़ कम हो और हर यात्री को सही अनुभव मिले।

वेटिंग टिकट वालों के लिए अब क्या विकल्प हैं?

अब जब वेटिंग टिकट वालों को कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं है, तो उनके पास कुछ विकल्प जरूर हैं। अगर वेटिंग टिकट जनरल क्लास के लिए वैध है, तो वे जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं। अगर जनरल में भी यात्रा संभव नहीं है, तो उन्हें टिकट कैंसल कर किसी दूसरी ट्रेन का विकल्प देखना होगा। रेलवे ने तत्काल और प्रीमियम तत्काल जैसी सेवाएं भी शुरू की हैं, जिनका उपयोग कर यात्री आखिरी समय में कन्फर्म टिकट प्राप्त कर सकते हैं। ‘बुक नाउ पे लेटर’ जैसी सुविधा भी कुछ हद तक इस स्थिति में मददगार हो सकती है।

एक सच्चा अनुभव

एक उदाहरण लें तो राजेश नाम के एक यात्री को पटना से दिल्ली जाना था। उनका टिकट वेटिंग में था, लेकिन उन्होंने ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया। टीटीई ने उन्हें सीट न होने के कारण बाहर कर दिया। राजेश ने अंत में तत्काल टिकट बुक किया और यात्रा पूरी की, लेकिन उन्हें करीब 300 रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। इससे यह साफ होता है कि वेटिंग टिकट पर अब यात्रा करना न केवल असुविधाजनक है, बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसानदायक हो सकता है।

टिकट कैंसलेशन और रिफंड से जुड़ी बातें

रिफंड नीति को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी होंगी। अगर वेटिंग टिकट ट्रेन छूटने से पहले कैंसल कर दिया जाए, तो पूरा पैसा वापस मिलेगा। वहीं आरएसी टिकट पर कुछ राशि की कटौती के बाद रिफंड मिलेगा। कन्फर्म टिकट को अगर चार घंटे पहले तक कैंसल किया जाए, तो आंशिक रिफंड मिलता है। और अगर चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसल करना हो, तो यात्री को टीडीआर (Ticket Deposit Receipt) फाइल करनी होती है।

यात्रियों की प्रतिक्रियाएं कैसी हैं?

इस नए नियम पर यात्रियों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कुछ लोग इसे अच्छा मान रहे हैं क्योंकि इससे सफर ज्यादा आरामदायक और व्यवस्थित होगा। सीट कन्फर्म यात्रियों को अब बिना किसी भीड़-भाड़ के सफर करने का मौका मिलेगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला गरीब यात्रियों और आकस्मिक यात्रा करने वालों के लिए काफी मुश्किल पैदा करेगा। वेटिंग टिकट होने के बावजूद अगर यात्रा न हो पाए, तो पैसा और समय दोनों की बर्बादी होती है।

अब कैसे करें यात्रा की तैयारी?

ऐसे में अब यह जरूरी हो गया है कि यात्री अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं। कोशिश करें कि कम से कम 3-4 दिन पहले टिकट बुक कर लें। अगर कोई ट्रेन फुल हो, तो दूसरी ट्रेनों की जानकारी रखें और IRCTC ऐप या वेबसाइट के जरिए समय-समय पर अपडेट लेते रहें। तत्काल या प्रीमियम तत्काल की सुविधा को ध्यान में रखें ताकि अंतिम समय में यात्रा की संभावना बनी रहे।

रेलवे का यह नया नियम सुनने में कठोर जरूर लग सकता है, लेकिन लम्बी दूरी की यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए यह जरूरी कदम है। समय आ गया है कि हम कन्फर्म टिकट को प्राथमिकता दें और वेटिंग टिकट पर यात्रा करने की पुरानी आदत को अलविदा कहें।

Disclaimer

यह लेख भारतीय रेलवे द्वारा घोषित हालिया नियमों पर आधारित है। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से नियमों की पुष्टि जरूर कर लें।

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