Petrol Diesel Price Today – पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब इनकी कीमतें घटती हैं, तो आम आदमी को काफी राहत मिलती है। 10 मई 2025 से देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई है, जिससे न केवल वाहन चालकों को सुकून मिला है, बल्कि आम जनता के बजट पर भी इसका पॉजिटिव असर देखने को मिल रहा है।
कीमतों में कटौती क्यों हुई?
इस बदलाव के पीछे दो बड़े कारण हैं — एक तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और दूसरा सरकार द्वारा टैक्स में दी गई राहत। ब्रेंट क्रूड की कीमतों में अप्रैल 2025 के दौरान लगभग 15.6% की गिरावट दर्ज की गई, जो कि 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगे एक्साइज ड्यूटी को कम किया है और कुछ राज्य सरकारों ने भी VAT में कटौती की है, जिससे कीमतों में सीधी राहत महसूस की जा रही है।
हर दिन कैसे बदलती हैं कीमतें?
भारत में तेल की कीमतें हर दिन बदलती हैं और ये बदलाव अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों, मुद्रा विनिमय दर, और सरकारी टैक्स पर निर्भर करते हैं। रुपये की स्थिति भी इन कीमतों पर असर डालती है। फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपया स्थिर बना हुआ है, जिससे कीमतों में ज़्यादा उछाल नहीं आया।
10 मई 2025 से शहरवार पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें
अब बात करें नए रेट की, तो 10 मई से दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल ₹103.50 और डीजल ₹90.03, कोलकाता में पेट्रोल ₹105.01 और डीजल ₹91.82, वहीं चेन्नई में पेट्रोल ₹100.90 और डीजल ₹92.49 हो गया है। कुछ और शहरों की बात करें तो हैदराबाद में पेट्रोल ₹107.46, डीजल ₹95.70, बेंगलुरु में पेट्रोल ₹102.92 और डीजल ₹89.02, जयपुर में पेट्रोल ₹104.72 और डीजल ₹90.21, जबकि लखनऊ में पेट्रोल ₹94.69 और डीजल ₹87.80 हो गया है।
इस कटौती से आम जनता को क्या फायदा होगा?
इन नई कीमतों का असर सीधा आम जनता की जेब पर पड़ेगा। अब वाहन चालकों को फ्यूल पर कम खर्च करना पड़ेगा, जिससे ट्रैवल सस्ता होगा। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन की लागत कम होने से सामान और सेवाओं की कीमतों में भी थोड़ी स्थिरता आने की उम्मीद है। कुल मिलाकर आम जिंदगी थोड़ी आसान हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना यात्रा करते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय कैसे होती हैं?
अब सवाल उठता है कि आखिर पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय कैसे होती हैं? इसका जवाब थोड़ा टेक्निकल है लेकिन आसान भाषा में समझें तो भारत 80% से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ती या घटती हैं तो इसका सीधा असर हमारे यहां के रेट पर पड़ता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से लगने वाले टैक्स — जैसे कि केंद्र का एक्साइज ड्यूटी और राज्यों का VAT — कुल कीमत का करीब 50% तक हो सकते हैं। इसके ऊपर कच्चे तेल के आयात के लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है, इसलिए अगर डॉलर महंगा होता है तो तेल भी महंगा हो जाता है।
रोजाना अपडेट होती हैं कीमतें
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। इसे डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम कहते हैं। सरकार की भूमिका इसमें अहम होती है क्योंकि कई बार टैक्स घटाकर आम लोगों को राहत दी जाती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।
फायदे और नुकसान दोनों हैं
इस बदलाव के फायदे देखें तो आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी, जिससे बाकी चीज़ों की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। वहीं नुकसान की बात करें तो सरकार का टैक्स कलेक्शन थोड़ा कम हो सकता है और कुछ मामलों में तेल कंपनियां अपने मार्जिन बढ़ाने की कोशिश कर सकती हैं।
आगे कीमतें कैसी रह सकती हैं?
भविष्य में कीमतें कैसी रहेंगी, यह कहना मुश्किल है, लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहीं और डॉलर-रुपये का रेट बड़ा बदलाव नहीं दिखाता, तो उम्मीद है कि कीमतें या तो ऐसी ही बनी रहेंगी या थोड़ी और गिर सकती हैं।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी 10 मई 2025 की कीमतों और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। भविष्य में कीमतें बदल सकती हैं, इसलिए लेटेस्ट रेट्स जानने के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या एप की पुष्टि करें। इस लेख का मकसद केवल जानकारी देना है, किसी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं।