SCSS Interest Rates – बढ़ती महंगाई और घटते रिटर्न के इस दौर में अगर आप या आपके घर में कोई सीनियर सिटीज़न हैं तो एक अच्छी, सुरक्षित और फायदे वाली स्कीम की तलाश में होंगे। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम यानी SCSS एक शानदार मौका बनकर सामने आई है। खास बात ये है कि अब सरकार ने इसकी ब्याज दर बढ़ाकर 11.68% तक कर दी है, जो कि इस वक्त मार्केट में मिलने वाले किसी भी सेविंग स्कीम से कहीं ज्यादा है।
इस स्कीम में निवेश करने से न सिर्फ आपकी पूंजी सुरक्षित रहती है, बल्कि आपको हर तीन महीने पर अच्छी-खासी इनकम भी होती है। आइए, आसान और सीधी भाषा में समझते हैं कि ये स्कीम क्या है, कैसे काम करती है और इसमें निवेश कैसे करें।
SCSS क्या है और किसके लिए है?
SCSS यानी सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक सरकारी बचत योजना है जिसे खासतौर पर 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए बनाया गया है। ये स्कीम पोस्ट ऑफिस और कुछ चुनिंदा सरकारी बैंकों में उपलब्ध होती है। रिटायर हो चुके लोगों के लिए ये स्कीम एकदम परफेक्ट है क्योंकि इसमें हर तीन महीने पर ब्याज का भुगतान होता है, जिससे उन्हें रेगुलर इनकम मिलती रहती है। अप्रैल 2025 से इसकी ब्याज दर बढ़ाकर 11.68% कर दी गई है, जो अब तक की सबसे ज्यादा दरों में से एक है।
SCSS की खास बातें
इस स्कीम में आप पांच साल के लिए निवेश करते हैं, और चाहें तो इसे तीन साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। एक व्यक्ति अधिकतम ₹30 लाख तक इसमें निवेश कर सकता है। हर तिमाही आपको ब्याज का भुगतान किया जाता है जो सीधा आपके बैंक अकाउंट में आता है। साथ ही, टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है – इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की रकम टैक्स फ्री हो जाती है। हालांकि अगर आप मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालते हैं तो कुछ पेनाल्टी लगती है।
SCSS में निवेश कैसे करें?
इस स्कीम में निवेश करना बहुत ही आसान है। आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या किसी अधिकृत बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां आपको फॉर्म A भरना होता है, जिसमें आपके पर्सनल और निवेश से जुड़ी जानकारी होती है। साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी देने होते हैं – जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, उम्र का प्रमाण (जैसे जन्म प्रमाण पत्र या रिटायरमेंट लेटर), पासपोर्ट साइज फोटो वगैरह।
अगर आपकी उम्र 60 से कम है लेकिन आपने सरकारी सेवा से रिटायरमेंट ले लिया है तो रिटायरमेंट का प्रूफ देना होगा। फिर आप एकमुश्त राशि जमा करते हैं – ये कैश, चेक या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए किया जा सकता है। प्रक्रिया पूरी होने पर आपको एक रसीद और पासबुक दी जाती है जिसमें निवेश की पूरी जानकारी होती है।
SCSS बनाम बाकी सेविंग स्कीम्स
अगर SCSS की तुलना बाकी सेविंग स्कीम्स से करें, तो इसमें मिलने वाला 11.68% ब्याज कहीं ज्यादा है। वहीं PPF में सिर्फ 7.1% ब्याज मिलता है और उसकी अवधि 15 साल की होती है। बैंक FDs में 6 से 7% ब्याज होता है और ये भी टैक्सेबल होता है। पोस्ट ऑफिस की MIS स्कीम में 7.4% ब्याज है लेकिन उसमें टैक्स छूट नहीं मिलती। ऐसे में देखा जाए तो SCSS हर एंगल से बेहतर साबित होती है – ज्यादा ब्याज, सुरक्षित निवेश और टैक्स में राहत।
क्यों चुनें SCSS?
SCSS इसलिए एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि इसमें आपको निश्चित और ऊंची ब्याज दर मिलती है। यह सरकार द्वारा समर्थित स्कीम है, इसलिए इसमें जोखिम की कोई गुंजाइश नहीं होती। हर तीन महीने में ब्याज का भुगतान होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी रेगुलर इनकम मिलती रहती है। इससे आपकी फाइनेंशियल सिक्योरिटी बनी रहती है।
एक सच्ची कहानी – रामलाल जी का उदाहरण
रामलाल जी, जो कि रेलवे से रिटायर हुए हैं और उनकी उम्र 63 साल है, उन्होंने अपने रिटायरमेंट के ₹25 लाख SCSS में लगाए। अब उन्हें हर तिमाही ₹73,000 से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। इससे उनका घर खर्च आराम से चल रहा है और बेटी की शादी में भी उन्हें पैसों की टेंशन नहीं हुई। उनके लिए ये स्कीम किसी वरदान से कम नहीं रही।
निवेश करते वक्त ध्यान में रखने वाली बातें
ध्यान रखें कि एक ही व्यक्ति अपने नाम से ₹30 लाख से ज्यादा इस स्कीम में निवेश नहीं कर सकता। ब्याज हर तिमाही खुद-ब-खुद आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाता है। अगर आप समय से पहले स्कीम को बंद करते हैं तो थोड़ी पेनाल्टी लगती है। साथ ही संयुक्त खाता सिर्फ पति-पत्नी के नाम पर ही खोला जा सकता है।
किसे नहीं करना चाहिए यह निवेश?
अगर आपको निकट भविष्य में पैसों की जरूरत हो सकती है, या आप हाई रिस्क वाले इन्वेस्टमेंट (जैसे शेयर बाजार) में पैसा लगाना चाहते हैं तो यह स्कीम आपके लिए नहीं है। साथ ही 60 साल से कम उम्र के सामान्य नागरिक इसमें निवेश नहीं कर सकते।
क्या SCSS ऑनलाइन उपलब्ध है?
फिलहाल SCSS पूरी तरह ऑनलाइन नहीं है। कुछ सरकारी बैंकों जैसे SBI, PNB में आप आंशिक रूप से ऑनलाइन प्रक्रिया कर सकते हैं, लेकिन फाइनल निवेश और दस्तावेज़ वेरिफिकेशन के लिए ऑफलाइन ही जाना पड़ता है। पोस्ट ऑफिस में यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन ही होती है।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश करने से पहले संबंधित स्कीम की सभी शर्तों और नियमों को अच्छी तरह से पढ़ें और यदि ज़रूरी हो तो किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें। सरकार द्वारा ब्याज दरों में समय-समय पर बदलाव किया जा सकता है।