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UP में बनने वाला ये नया हाईवे , रातों-रात करोड़पति बनेंगे लोग – UP Greenfield Highway

By Satish Kumar

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UP Greenfield Highway

UP Greenfield Highway – उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार अब और तेज होने वाली है। राज्य सरकार और केंद्र मिलकर एक नया छह लेन का ग्रीनफील्ड हाईवे बनाने जा रहे हैं। ये हाईवे सिर्फ सड़क नहीं होगा, बल्कि इससे जुड़े जिलों की किस्मत बदलने वाली है – सोचिए, जमीन के रेट दोगुने-तीन गुने हो जाएंगे, व्यापार को नई उड़ान मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतरीन मौके भी मिलेंगे।

ग्रीनफील्ड हाईवे आखिर है क्या?

यह हाईवे बिल्कुल नई जगह पर बनाया जाएगा, मतलब जहां पहले कोई सड़क नहीं थी। सीधे और तेज रूट के लिए इसे डिजाइन किया गया है ताकि सफर का वक्त बचे और फ्यूल की भी बचत हो। ये छह लेन चौड़ा होगा, जिसे आगे चलकर आठ लेन तक भी बढ़ाया जा सकेगा। इसमें इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा जिससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचे और स्पीड लिमिट होगी 120 किमी/घंटा तक। यूपी जैसे बड़े राज्य में, जहां व्यापार, खेती और टूरिज्म हर कोना समेटे हुए हैं, ऐसे हाईवे की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

कौन-कौन से जिले होंगे इस हाईवे का हिस्सा?

ये नया हाईवे वाराणसी से लेकर नोएडा/ग्रेटर नोएडा तक कई अहम जिलों से होकर गुजरेगा। वाराणसी, जौनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, कानपुर, एटा, अलीगढ़ और नोएडा – सभी जिलों को इससे फायदा मिलेगा। यह सिर्फ एक रूट नहीं, बल्कि विकास की एक सीधी लाइन होगी, जो यूपी के पूरब से लेकर पश्चिम तक नई जान फूंकेगी। खास बात यह है कि अयोध्या जैसे धार्मिक शहर में राम मंदिर बनने के बाद यह हाईवे पर्यटन को और भी ताकत देगा।

किस्मत बदल देगी ये सड़क

हाईवे के आसपास की जमीनों की कीमतें तो जैसे पंख लगाकर उड़ने वाली हैं। वाराणसी में जो जमीन अभी ₹10-12 लाख प्रति बीघा में है, वो हाईवे बनने के बाद ₹20-25 लाख तक पहुंच सकती है। लखनऊ, नोएडा और अयोध्या जैसे इलाकों में ये रेट्स और भी ऊपर जाने वाले हैं। रियल एस्टेट का माहौल एकदम गर्म होने वाला है – नए प्लॉट्स, फ्लैट्स, मॉल्स, कमर्शियल हब्स सब कुछ तेजी से उभरेंगे।

बढ़ेगा कारोबार और आएंगे नए मौके

सिर्फ जमीन ही नहीं, बल्कि व्यापार और उद्योग को भी इस हाईवे से नया पंख मिलेगा। फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस – ये सब खुलेंगे, जिससे स्थानीय उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंच मिलेगी। किसान सीधे अपने प्रोडक्ट्स बड़े शहरों तक पहुंचा सकेंगे, वो भी कम लागत और कम समय में। वहीं, निर्माण कार्य और बाद में खुलने वाले होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप, लॉजिस्टिक्स हब्स – इन सबमें हज़ारों की संख्या में रोजगार पैदा होंगे।

क्या है परियोजना की मौजूदा स्थिति?

2024 के बजट में इस हाईवे का ऐलान हो चुका है और फिलहाल लगभग 50% भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। 2025 की शुरुआत में निर्माण शुरू होने की उम्मीद है और अगर सब कुछ प्लान के हिसाब से चला, तो 2028 की शुरुआत तक ये हाईवे चालू हो जाएगा।

किसानों और स्थानीय लोगों के लिए क्या मायने रखता है ये प्रोजेक्ट?

किसानों के लिए यह मौका है अपनी जमीन के सही दाम पाने का। सरकार उन्हें मार्केट रेट से 2-3 गुना तक मुआवज़ा देने की बात कर रही है। और सिर्फ जमीन बेचकर रुकना नहीं – किसान उस पैसे से नया बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। गांवों को शहरों से जोड़ने वाली ये सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यापार के मौके लेकर आएगी। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं – जैसे विस्थापन, पर्यावरण पर असर और भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद।

हाईवे के किनारे दिखेगा नया बिजनेस हब

जैसे-जैसे हाईवे बनेगा, उसके किनारे का इलाका बिजनेस हब में बदलता जाएगा। बड़ी-बड़ी हाउसिंग सोसाइटीज़, मॉल्स, ऑफिस स्पेस, होटल्स और ईवी चार्जिंग स्टेशन तक बनने लगेंगे। लॉजिस्टिक्स कंपनियों और डिलीवरी सर्विसेस के लिए यह एकदम परफेक्ट लोकेशन होगी।

क्या होगा पर्यावरण और समाज पर असर?

कुछ पेड़ों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों पर असर तो होगा, लेकिन सरकार इसकी भरपाई के लिए हाईवे के दोनों ओर पेड़ लगाने और सोलर लाइट्स लगाने की योजना पर काम कर रही है। सामाजिक स्तर पर बात करें, तो गांवों को बेहतर स्कूल, अस्पताल और सड़कें मिलने से गांवों की लाइफ क्वालिटी में जबरदस्त सुधार आने वाला है।

यूपी के लिए ये हाईवे सिर्फ एक सड़क नहीं, विकास का रास्ता है

ये ग्रीनफील्ड हाईवे सिर्फ यात्रियों का सफर आसान नहीं करेगा, बल्कि जिलों की आर्थिक सेहत, रियल एस्टेट की चमक, और रोजगार की संभावनाएं भी चमकाएगा। जिन किसानों की ज़मीनें अब तक सूनी पड़ी थीं, वहां अब मॉल्स और इंडस्ट्रियल यूनिट्स खड़े होंगे। गांवों को मिलेगा शहरों जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर और लोग कहेंगे – हां, सच में बदलाव हो रहा है।

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